THE FACT ABOUT पारद शिवलिंग प्राइस THAT NO ONE IS SUGGESTING

The Fact About पारद शिवलिंग प्राइस That No One Is Suggesting

The Fact About पारद शिवलिंग प्राइस That No One Is Suggesting

Blog Article

किसी बड़े पात्र में स्फटिक शिवलिंग को रखें और इसके ऊपर बेलपत्र और जल अर्पित कर पूजा अर्चना करें।

पारे, चाँदी और जड़ी बूटी को मिलाकर के जो शिवलिंग बनता है, वह पारद शिवलिंग कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है और उनके इस शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है।।

पुराणात अशी मान्यता आहे की जाते की जिथे पारद शिवलिंगाची पूजा केली जाते, तिथे भगवान शिव वास करतात. यामुळेच पारद शिवलिंगाची पूजा करणाऱ्या भक्तावर लवकरच शिवाची कृपा होते.

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने का अपना विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। फिर चाहे वह धन किसी भी माध्यम से प्राप्त हुआ हो। उधार दिया गया पैसा वापिस पाने के लिए शिवलिंग पर चावल को अर्पित करना चाहिए।

इसकी स्थापना सोमवार के दिन चंद्र के होरा में करें।

शिव स्तुति : भगवान शिव की स्तुति कैसे की जाती हे? शिव को प्रसन्न करने की तांत्रिक क्रिया : शिव उपासना शिव अघोर साधना : शिव पारद शिवलिंग कैसा होता है की गुप्त और प्रचंड साधना शत्रु नाश उपाय :शत्रु को ख़त्म कैसे करे?

यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा ना करवाएं। लेकिन इसकी पूजा और अभिषेक जरूर करना चाहिए।

पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता

ग्रह दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

कृषि हेल्थ लाइफस्‍टाइल वीडियो फोटो ट्रेंडिंग देश अपराध टेक्नोलॉजी नॉलेज ऑटो बिज़नेस धर्म एजुकेशन ओपिनियन पॉडकास्ट टॉपिक्स

१०० अश्वमेघ यज्ञ , चार धाम यात्रा , एक लाख गायीचे दान , केल्याने जे फळ मिळते ते एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजनाने मिळेल.

फिर इसे घर के पवित्र स्थल पर पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर स्थापित करें।

It seems like you had been misusing this function by likely as well quickly. You’ve been temporarily blocked from working with it.

शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

Report this page